मुझे मत छेड़ो
मुझे
टच मत करो
मुझे
क्यों टच कर रहे हो
मेरी
आँखो पे पटी क्यों लगा रहे हो
मुझे
कहाँ ले जा रहे हो
मुझे
छोड़ दो प्लीज
मुझसे
तेरा क्या दुशमनी है
मुझे
घबराहट हो रही है
मेरी
आँखो की पटी खोल दो
मुझे
घर जाना है
मेरी
मम्मी पापा मुझे खोज रहे होंगे
मुझे
क्यों छेड़ रहे हो
मैं
तुम्हारी बहन हूँ
तुम्हें
बहन की रक्षा करना चाहिए
मेरी
भी कुछ इज्जत है
मैं
माता पिता की लाडली हूँ
मैं
अपने घर की शान हूँ
मेरी
जिन्दगी बरबाद मत करो
मेरे
घरवालो पे क्या गुजरेगा ऐक बार सोचकर तो देखो
मेरी
भविष्य के बारे में तो सोचो
मुझे
मत छेड़ो
मुझे
घर जाने दो
– कुमार आयुष